Information Of Organic Farming
देश की किसान, लोगो की बढती हुई खाद्यान जरूरतों को पूरा करने के लिए आज आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं किन्तु Organic Farming से दूर अधिक उत्पादन के लालच ने आज किसानो की हालात और उनकी आर्थिक स्थिति को इस कदर ख़राब कर दिया हैं की किसान की खर्च उनके उत्पादन से अधिक होने लगे हैं जिससे किसानो की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रहे हैं , फसलो को उगाने ,और उनसे अधिक उत्पादन लेने के लिए किसान रासायनिक पदार्थो का बे हिसाब उपयोग कर रहा हैं , जबकि उसका उत्पादन में थोड़े बहुत ही बढ़ोतरी हो रहा हैं जिसका प्रभाव सिर्फ किसानो की आर्थिक स्थिति को ही कमजोर नही बना रहा हैं बल्कि उनके द्वारा उत्पन किये गए फसल को खाने वाले को भी नुकसान पहुचा रहा हैं , जिसका असार आज सम्पूर्ण जीव जगत में आसानी से देखा जा सकता हैं ,
खेतो में लगातार रासायनिक उर्वरको वा कीटनाशी के प्रयोग से पानी, भूमि ,हवा तो जहरीला होता ही हैं साथ में जो फसल उत्पन होता हैं उसमे भी उन प्रयोग किये गए रासायनिक उर्वरको वा कीटनाशी का अंश भोजन के माध्यम से शारीर तक पहुच रहे हैं जिससे नए- नए घातक बीमारी उत्पन्न हो रहे हैं , साथ ही जीव जगत का संतुलन भी ख़राब हो चूका हैं .
ऐसे में जीव जगत को संतुलित करने और बेहतर वा सुरक्षित फसल उगाने के लिए जैविक खेती (Organic Farming ) को अपनाना बेहद जरुरी हैं , आर्गेनिक फार्मिंग सम्पूर्ण जीव जगत को संतुलित करते हुए गुणवत्ता पूर्ण फसल उत्पादन में सबसे असरकारी हैं , और आज भी देश के बहुत सारे किसान आर्गेनिक खेती कर रहे और नए किसान इसे अपना भी रहे हैं , आज देश में मुखियता 3 प्रकार से फसल उगा रहे हैं
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- आर्गेनिक :- इस प्रकार के खेती में कंही भी रासायनिक पदार्थो का उपयोग नही किया जाता हैं |
- संतुलित खेती :- इस प्रकार के खेती में आर्गेनिक पदार्थो के साथ थोड़ी मात्र में रासायनिक उर्वरको या कीटनाशी का उपयोग किया जाता हैं |
- रासायनिक खेती :- इस प्रकार की खेती में फसल उगाने के लिए केवल रसायनिक पदार्थो का उपयोग किया जाता हैं इससे फसल उत्पादन तो बढता हैं साथ में खर्च भी अधिक होता हैं और उत्पादन जो मिलता हैं वह रासायनिक पदार्थो से परिपूर्ण होता जिसका असार खाने वाले के शारीर पर पड़ता हैं
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इस पोस्ट में हम आर्गेनिक फार्मिंग को बेहतर तरीके से समझेंगे
- Organic Framing क्या हैं ? :-
आर्गेनिक फार्मिंग खेती करने की कोई नई तकनीक नही हैं बल्कि यह खेती करने की सबसे पुरानी परंपरा हैं जिसमे खेती प्राकृतिक रूप से उपलब्ध साधनों का उपयोग करते हुए किया जाता हैं , जिससे जीव जगत को बिना प्रभावित किये अच्छी गुणवत्ता वाली फसल उत्पन्न होता हैं , यदि हम आर्गेनिक खेती को सामन्य भाषा में कहे तो खेती की ऐसी विधि जिसमे बिना रासायनिक उर्वरको या कीटनाशी का प्रयोग किये बिना ही फसल उगाना आर्गेनिक खेती कहलाता हैं , आर्गेनिक खेती के अंतर्गत ,खेतो में प्रयोग होने वाले खाद जैसे की:- गोबर खाद , केचुवा खाद, कम्पोस्ट खाद , हरी खाद , आदि आते हैं जो सिर्फ जीवो के अपशिष्ट अवशेष के सड़ने गलने से बनता हैं , और इसमें पौधो के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वा मोजूद होते हैं | जबकि जीव जगत पर बुरा प्रभाव डालने वाला कोई भी हानिकारक तत्वा मौजूद नही होता हैं जिससे आर्गेनिक फार्मिंग से मिलने वाले उत्पाद बहुत स्वादिस्ट और हेल्थ फुल होता हैं , इसके अलावा आर्गेनिक खादों से उत्पादित होने वाले उत्पाद आसानी से ख़राब नही होता जिससे खेतो से उत्पादित होने वाले उत्पाद को लबे समय तक स्टोर कर सकते हैं |
- Organic Farming का इतिहास :-
आर्गेनिक फार्मिंग का इतिहास बहुत पुराना हैं पहले लोग जंगलो को काट कर खेती करते थे और जब उस स्थान पर फसल कम होता था तो दुसरे स्थान पर जंगलो को साफ कर वह पर खेती करते थे , इसे स्थान्तरित खेती कहते हैं, किन्तु जनसंख्या वृद्धि के कारण स्थान्तरित खेती करने में दिक्कत महसूस किया गया और उसके स्थान पर स्थाई खेती करना अराभ किया गया और उस समय गोबर , पेड़ पौधों के सड़े गले पदार्थो का इस्तेमाल खेती करने में यूज़ होता था जिससे अच्छी गुणवत्ता वाली फसल पैदा होता था जिससे लोग स्वस्था रहते थे और पर्यवरण भी संतुलित था ,किन्तु जैसे -जैसे जनसंख्या वृद्धि हुवा लोगो की भोजन मांग बढ़ाने लगा और फीर फसल उत्पादन बढ़ाने की एक प्रतियोगिता सी शुरू हो गया जो भी जारी हैं हर रोज नए-नए अविष्कार हुआ जिसके परिणाम स्वरुप फसल उत्पादन की वृद्धि तो हुवा लेकिन उसके साथ ही गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो गया हैं जैसे की गुणवत्ता हिन् रसायन युक्त उत्पाद पानी , भूमि , वायु , प्रदुषण , जैसे प्राकृतिक असंतुलन हो गया हैं , और इन सबको रोकने लिए सबसे असार दार सिर्फ organic farming ही हैं
- Type Of Organic Farming :
आर्गेनिक फार्मिंग को मुख्या रूप से दो प्रकार से किया जा सकता हैं :-
- pure Organic Forming :- इस प्रकार के खेती में आर्गेनिक खाद और आर्गेनिक कीटनाशी का प्रयोग किया जाता हैं , कहने का मतलब हैं की इसमें फसल उगाने के लिए शुरुवात से लेकर अंत तक किसी भी परिस्थिति में कोई भी रसायन का उपयोग नही किया जाता हैं
- integrated Organic Farming :- इसके अंतर्गत फसल उगाने के लिए आर्गेनिक खाद के साथ थोड़ी मात्र में रासयनिक खाद और बहुत अधिक जरुरत पड़ने पर रासायनिक कीटनाशी का प्रयोग किया जाता हैं , कहने का मतलब हैं की खेती करने के लिए नियंत्रित रूप से जैविक पदार्थो के साथ रासायनिक पदार्थो का उपयोग किया जाता हैं जिससे किसी भी हानिकारक प्रभाव को कम किया जा सके |
- Organic Farming क्यों आवश्यक हैं ?:-
- Organic Farming के लाभ :-
- Organic Farming के नुकसान :-
आर्गेनिक खेती के लिए सुझाव :-
खेती में बढ़ते हुए खर्च और उनसे मिलने वाले उत्पाद की गुणवता को देखे तो आज के समय में आर्गेनिक खेती समय की मांग नही बल्कि या खेती के लिए बहुत जरुरी हैं , और इस पर सभी किसान भाई को अपने -अपने स्तर पर आर्गेनिक खेती को अपनाना चाहिए जैसे की आर्गेनिक खेती के लिए एक सामन्य सा प्रयास की जा सकता हैं आर्गेनिक खेती के लिए खेतो के मेड़ो में पेड़ पौधों को लगाये जिनकी पत्तिय मिट्टी में सड़कर खाद बनेगा , इसके अलवा खेतो की मेड में उगने वाले खरपतवार को फूलने फलने से पहले काट कर गढ़ों में दबा दे जिससे आने वाले फसल के लिए एक बेहतर खाद मिल जायेगा , इसके अलावा किसान अपने पास अपने क्षमता के हिसाब से पशुपालन करे, जिससे खेतो की मेड में उगने वाले खरपतवार एवं फसल अवशेषो को चारा के रूप में उपयोग कर सके , जिसे बाद में एक अच्छा खाद के रूप में अपने खेत में प्रयोग कर सकते हैं , रासायनिक पदार्थो का उपयोग खेती में बहुत कम या ना करे तो बेहतर हैं |
- Organic Farming को बेहतर कैसे बनाये ? :-
- Organic Farming से भारत का भविष्य और युवाओ को रोजगार:-
- Organic Farming के लिए भारत सरकार की योगदान :-
जैविक खेती के लिए भारत सरकार ने बहुत ही अच्छा प्रयास किया हैं जिसका नतीजा बहुत ही संतोषजनक रहा हैं सरकार ने किसानो के लिए ,organic Farming के लिए बहुत सारे योजना और सब्सिडी का प्रावधान किया हैं आर्गेनिक खेती के अंतर्गत किसानो को , पशुपालन में अनुदान , आर्गेनिक खाद बनाने के लिए अवश्यक सामग्री के लिए बड़ी मात्र में अनुदान का प्रावधान हैं जो अलग -अलग राज्यों में अलग- अलग हो सकता हैं , अब तो जो किसान आर्गेनिक खेती कर रहा हैं उनका उत्पाद सीधे सरकार उचे भाव पर खरीदने जा रहा हैं , इसके अलावा जो किसान आर्गेनिक खेती करते हैं उनके लिए अलग से लोगो ( पहचान चिन्ह ) भी तैयार किया जा चूका हैं , आर्गेनिक फार्मिंग करने के लिए या इनके लिए मिलने वाले अनुदान का लाभ लेने के लिए सबसे पहले अपने नजदीकी कृषि विभाग के आधिकारियो से संपर्क करे ,
- आर्गेनिक खेती कहा-कहा किया जा सकता हैं :-
Organic Farming एक ऐसा सुरक्षित खेती करने का तरीका हैं जिसे सभी जगह पर आसानी से किया जा सकता हैं और लगभग सभी प्रकार की खेती की क्रिया आसानी से किया जा सकता हैं , आर्गेनिक फारमिंग से लगभग सभी प्रकार की फसल देश की सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगा सकते हैं और अच्छा लाभ ले सकते हैं
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